नशे में गाड़ी चलाने वालों की संख्या में 22.50 फीसदी इजाफा, राजौरी गार्डन में पकड़े गए सबसे ज्यादा मामले

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दिल्ली, 8 अप्रैल (ऑनफैक्ट ब्यूरो)-दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से जारी आंकड़े जारी किए गए हैं उनके अनुसार, 2024 के पहले तीन महीनों में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने शराब के नशे में गाड़ी चलाते हुए पकड़े गए व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

राजधानी में शराब पीकर वाहन चलाने वाले लोगों की संख्या में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 22.50 फीसदी का इजाफा हुआ है। ये साल की शुुरुआत के तीन महीनों को डाटा है। वर्ष 2022 के मुकाबले इस वर्ष के शुरुआती तीन महीनों में शराब पीकर वाहन चलाने वालों की संख्या में 1552 प्रतिशत इजाफा हुआ है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने इसके लिए विशेष अभियान चलाया है। पुलिस अब शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से जारी आंकड़े जारी किए गए हैं उनके अनुसार, 2024 के पहले तीन महीनों में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने शराब के नशे में गाड़ी चलाते हुए पकड़े गए व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा चलाने में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वर्ष 2024 के दौरान एक जनवरी से 31 मार्च तक पुलिस ने नशे में गाड़ी चलाने के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया। शुरुआती तीन महीनों में पुलिस ने शराब पीकर वाहन चलाने वाले 6591 लोगों का चालान किया है। जबकि पिछले वर्ष शराब पीकर वाहन चलाते हुए 5384 लोग पकड़े गए थे। वर्ष 2022 में एक जनवरी से लेकर 31 मार्च तक शराब पीकर वाहन चलाते हुए सिर्फ 399 लोग पकड़े गए थे।

राजौरी गार्डन में सबसे ज्यादा चालान किए गए
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने वर्ष 2024 में सबसे अधिक चालान जारी करने वाले शीर्ष 10 ट्रैफिक सर्कल का व्यापक विश्लेषण भी किया है। शराब के नशे में गाड़ी चलाने से न केवल गाड़ी चलाने वाले व्यक्ति के लिए बल्कि सड़क पर चलने वाले यात्रियों, पैदल चलने वालों और अन्य मोटर चालकों के लिए भी गंभीर खतरा पैदा होता है।

रोकथाम के लिए बढ़ाई जा रही जांच
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त एचजीएस धालीवाल के अनुसार, ट्रैफिक पुलिस दिल्ली के नागरिकों से गाड़ी चलाते समय सुरक्षा को प्राथमिकता देने और जिम्मेदारी का निर्वहन करने का आग्रह करती है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए यह जरूरी है कि वह शराब पीकर गाड़ी चलाने के खतरों को पहचाने और ऐसा करने से बचे। पुलिस नशे में गाड़ी चलाने की समस्या से निपटने में सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर भी जोर दे रहीहै।

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