यश हत्याकांड: अभी देखा ही क्या था, पढ़ाई कर जाना चाहता था कनाडा या अमेरिका… मां रोते-रोते कह रही थी ये बातें

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2 मार्च,अमरोहा(ऑनफैक्ट ब्यूरो)-मां वर्षा मित्तल ने रोते हुए कहा कि उनके बेटे के बड़े सपने थे। वह कहता था कि बीबीए करने के बाद कनाडा या अमेरिका में अच्छी कंपनी में जॉब करूंगा। मगर हत्यारोपियों ने उनके सीधे साधे बेटे की जान ले ली।

नोएडा में बीबीए की पढ़ाई कर इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबारी प्रदीप मित्तल का बेटा यश मित्तल कनाडा या अमेरिका जाना चाहता था। विदेश की किसी अच्छी कंपनी में जॉब करना उसका सपना था। बेटे की हत्या के तीन दिन बाद भी मां वर्षा मित्तल, बहन इशिका और पिता के आंसू नहीं थम रहे। मां रोते-रोते कह रही थीं कि उनके बच्चे ने अभी देखा ही क्या था।

नगर के टीचर कॉलोनी निवासी इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबारी प्रदीप मित्तल के बेटे यश मित्तल का बीते 26 फरवरी की शाम गौतमबुद्ध नगर के दादरी थाना क्षेत्र स्थित हॉस्टल से पांच दोस्तों ने अपहरण कर लिया। उसके परिजनों से छह करोड़ रुपये की फिरौती मांगी लेकिन पहले ही यश की पिटाई कर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। हत्यारोपियों ने उसका शव तिगरिया भूड़ के जंगल में गड्ढा खोद कर छिपा दिया। दादरी पुलिस ने तिगरिया भूड़ निवासी हत्यारोपी रचित नागर की निशानदेही पर 48 घंटे के भीतर गड्ढे से शव बरामद किया। गुरुवार की सुबह ब्रजघाट में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

गम में डूबे परिवार के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शुक्रवार की दोपहर उसकी मां वर्षा मित्तल ने रोते हुए कहा कि उनके बेटे के बड़े सपने थे। वह कहता था कि बीबीए करने के बाद कनाडा या अमेरिका में अच्छी कंपनी में जॉब करूंगा। मगर हत्यारोपियों ने उनके सीधे साधे बेटे की जान ले ली। उनका बेटा बेहद सज्जन था। किसी से लड़ना झगड़ना तो दूर ऊंची आवाज में बात भी नहीं करता था। अभी उनके बेटे ने देखा ही क्या था। परिजनों के आंखों के आंसू नहीं सूख रहे हैं। परिचित व रिश्तेदार प्रदीप मित्तल के परिवार को सांत्वना दे रहे हैं।

आठवीं के बाद देहरादून से की इंटरमीडिएट की पढ़ाई
पढ़ाई में बेहद होनहार यश मित्तल ने आठवीं तक की पढ़ाई गजरौला के एक कॉन्वेंट स्कूल से की। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए उसे देहरादून भेज दिया गया। वह पांच साल तक देहरादून में रहा। इंटरमीडिएट उत्तीर्ण करने के बाद बीबीए की पढ़ाई के लिए गौतम बुद्ध नगर के दादरी भेज दिया गया। भाई-बहन में बेहद प्यार था। इसलिए दोनों को एक ही कॉलेज में प्रवेश दिलाया गया। आस पास के लोग कहते हैं कि यश मित्तल जहां पर भी जाता था, कभी अकेला नहीं गया। अपनी बड़ी बहन इशिका मित्तल के साथ ही जाता था। उसने इशिका से कभी कोई बात भी नहीं छिपाई।

 

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