गुरदासपुर, 20 मार्च (जय तिवारी)- अर्चिता महाजन न्यूट्रिशन डायटिशियन चाइल्ड केयर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट एवं ट्रेंड योगा टीचर नॉमिनेटेड फॉर पद्म भूषण राष्ट्रीय पुरस्कार ने बताया कि बहुत से लोग रोते हुए शिशुओं से छुटकारा पाने के लिए खुद ही अपने हाथों से उसके अंगूठे को मुंह में डाल देते हैं। नवजात शिशु अपने मुँह में गंदा हाथ डालता है तो खतरे स्वयं उपस्थित हो जाते हैं।एक बार जब कोई बच्चा अपने हाथों को पहचान लेता है, तो वे अक्सर उसके नए पसंदीदा खेल बन जाते हैं, और उन्हें अपने मुँह में डालना आत्म-अन्वेषण का एक रूप है। जब आपका छोटा बच्चा अपने हाथों की जांच करता है, तो उसे पता चलता है कि उसके हाथ उसके हैं और उसके नियंत्रण में हैं। यह विकास का एक बड़ा संकेत है.भले ही आपका शिशु पर्याप्त भोजन कर रहा हो, लेकिन हो सकता है कि उसे पर्याप्त कैलोरी न मिले। ऐसी स्थितियों में, उनके पोषण संबंधी स्वास्थ्य को देखना आवश्यक हो सकता है।ज्यादातर बच्चे अपने मुंह में उंगली तब डालते हैं जब उनके दांत निकल रहे होते हैं। बच्चों के दांत निकलते समय उनके मसूड़ों में खुजली होने लगती है। ऐसे में अंगुली मुंह में लेने से मसूड़ों पर दबाव पड़ता है जिससे बच्चे को राहत मिलती है। यही वजह है कि बच्चे मुंह में उंगली डालना शुरू कर देते हैं।अंगूठा चूसने से ऊपरी जबड़े के किनारों और मुंह की छत पर नरम ऊतकों पर दबाव पड़ता है । परिणामस्वरूप, ऊपरी जबड़ा संकीर्ण हो सकता है, जिससे दांत ऊपर से नीचे तक ठीक से नहीं मिल पाते हैं। तुतलाना जैसी बोलने में समस्या भी पैदा कर सकता है। अपने बच्चे के हाथों को अन्य कामों में व्यस्त रखने में मदद करें। उन्हें रबर की गेंदें, सिली पुट्टी, या मुलायम कपड़े का एक टुकड़ा भी पकड़ने के लिए दें। यह विशेष रूप से अच्छी तरह से काम कर सकता है यदि वे तनाव या चिंता के कारण अपने अंगूठे चूसते हैं और नाखून काटते हैं।डॉ अर्चिता महाजन सुबह 10 से 12:00 तक सेवा भारती कपूरी गेट और दोपहर बाद 3:00 से 5:00 बजे तक मंदिर श्री सिद्ध बाबा बालक नाथ जी हंसली पुल बटाला ( सरपरस्ती अधीन श्री भक्त कुणाल जी) क्लीनिक में सेवा में उपलब्ध है।
भूख, तनाव और मसूड़ों की खारिश के कारण बच्चे अंगूठा चूसते हैं-डॉ अर्चिता महाजन
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