रुठे हुए वर्करों के खेमे की अंदर खाते बन रही विरोधी उम्मीदवारों के साथ नजदीकियां
बटाला, 23 अप्रैल (रमेश बहल)- यह इश्क नही असां बस इतना समझ लीजिए, यह आग का दरिया है और डूब के जाना है, यह लाइनें आज हल्का गुरदासपुर में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अमनशेर सिंह शैरी कलसी के हल्का लोक सभा चुनाव में चर्चा का विषय बन रही हैं। लोक सभा चुनाव के शुरुआती दौर में ही हल्का उम्मीदवार शैरी कलसी के साथ वर्करों का चल रहा मनमुटाव जग जाहिर हो गया है इन वर्करों की ओर से बीते दिन शैरी कलसी की ओर से निकाले गए रोड शो से अपनी दूरी बनाए रखी। यह वर्करों की दूरी राजनीतिक गलियारों में कथित चर्चा का विषय बनी हुई है, लोक मनों में यह बात चल रही है कि आखिर वर्करों के मनमुटाव के इस सेक में उम्मीदवार शैरी कलसी की जीत की दाल आखिर कैसे गलेगी…?
क्योंकि सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी से पता चला है कि जहां आम आदमी पार्टी हल्का गुरदासपुर से उम्मीदवार अमनशेर सिंह शैरी कलसी अपने चुनाव दंगल की कुश्ती जीतने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं वहीं उनकी पार्टी के बीच बने खेमे व दूसरी पार्टियों से आए कुछ दल बदलू नेताओं की ओर से विरोधी उम्मीदवारों के साथ अंदर खाते नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दी हैं तथा यह नजदीकियां विरोधी उम्मीदवारों के लिए इन चुनाव युद्ध के साथ कथित ब्रहमशास्त्र का काम कर सकती हैं।
गौरतलब है कि इस समय लोक सभा चुनाव सिर पर हैं पहली जून को पंजाब में लोक सभा चुनाव का मतदान होगा। कांग्रेस को छोड़ कर आप, भाजपा व अकाली दल ने अपनी उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतार दिया है व इन उम्मीदवारों की ओर से अपना चुनाव प्रचार पूरे जोर अजमाइश के साथ किया जा रहा है व चुनाव जीतने की पूरी जद्दो जहद की जा रही है। टिकट मिलने के बाद आप पार्टी के हल्का उम्मीदवार की ओर से अपना पहला रोड शो निकाला गया। राजनीतिक गलियारों में यह रोड शो कथित चर्चा का विषय बना रहा क्योकि इस रोड शो दौरान पार्टी के अंदर चल रहा कलेश जग जाहिर हो गया है। इस काटो कलेश का विरोध उम्मीदवारों द्वारा पूरी तरह से अंदर खाते में फायदा लिया जा रहा है, अपुष्ट सूत्रों के हवाले से मिले कथित संकेतों अनुसार इन रुठे हुए वर्करों की ओर से विरोधी उम्मीदवारों के हक में अंदर खाते वोटें डालने की भी रणनीति तैयार की जा रही है जिससे महज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस अन्दरूनी काटो कलेश की आग का सेक कहीं आप उम्मीदवार शैरी कलसी को न लग जाए। फिल्हाल यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि ऊंट किस करवट बैठेेेगा।