दिल्ली के RML अस्पताल में घूसखोरी: मेडिकल सप्लायर करते डॉक्टरों की जेब गर्म, नर्स-क्लर्क मरीजों से वसूलते पैसे

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दिल्ली, 9 मई(ऑनफैक्ट ब्यूरो)-रिश्वतखोरी के इस मामले में दो डॉक्टर्स समेत 11 लोगों की गिरफ्तार हुई है। सीबीआई के मुताबिक, अस्पताल में कई स्तर पर रिश्वतखोरी चल रही थी। अस्पताल में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा था।

दिल्ली के बडे़ अस्पतालों में से एक राम मनोहर लोहिया अस्पताल में सीबीआई ने रिश्वतखोरी रैकेट का खुलासा किया है। इस रैकेट में नर्स से लेकर कार्डियोलॉजिस्ट तक का नाम शामिल हैं। सीबीआई ने दो डॉक्टर्स समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई की माने तो अस्पताल में कई स्तर पर रिश्वतखोरी चल रही थी। अस्पताल में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा था। डॉक्टर कथित रूप से चिकित्सा उपकरण की सप्लाई करने वालों से लाखों रुपये ले रहे थे।

20 हजार रुपये नहीं दिए तो गर्भवती को बाहर निकाला
रिश्वतखोरी के इस मामले में दो डॉक्टर्स समेत 11 लोगों की गिरफ्तार हुई है। सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक अगर कॉर्डियोलॉजिस्ट अजय राज व पर्वतगौड़ा चन्नप्पागौड़ा को बतौर रिश्वत 20 हजार रुपये नहीं मिलते थे तो गर्भवती को वार्ड से बाहर निकाल दिया जाता था। अस्पताल के क्लर्क भुवाल व नर्स शालू धमकाते हैं और लेनदेन सुचारू ढंग से बिना व्यवधान हो इसके लिए यूपीआई का विकल्प भी मौजूद है।

मेडिकल सप्लायर्स डॉक्टरों के लिए करते पैसों का इंतजाम
सीबीआई ने अपनी एफआईआर मे जिन लोगों को नामित किया है उनमें छह अस्पताल कर्मचारी, एक बिचौलिया और चार चिकित्सा उपकरण आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। एजेंसी ने एफआईआर में यह भी दावा किया कि पर्वतगौड़ा ने चिकित्सा आपूर्तिकर्ताओं से उन्हें मिलने वाली रिश्वत जल्द से जल्द देने के लिए कहा था। 2 मई को उन्होंने नागपाल नाम के स्पलायर को 2.48 लाख रुपये की रिश्वत राशि देने के लिए कहा, जिसे नागपाल ने मंगलवार तक देने का आश्वासन दिया। इसके बाद पर्वतगौड़ा ने दूसरे सप्लायर अहमद को पैसे जल्दी देने के लिए कहा।

रिश्वत के पैसों से गर्मी की छुट्टियों में यूरोप जाने वाला था डॉक्टर
पर्वतगौड़ा ने 23 अप्रैल को अहमद से सभी रिश्वत जल्द से जल्द देने को कहा था क्योंकि वह गर्मी की छुट्टियों के दौरान यूरोप जाने वाला था। अहमद ने इससे पहले मार्च में पर्वतगौड़ा के पिता बसंत गौड़ा के खाते में 1.95 लाख रुपये जमा कराए थे। इसी तरह पर्वतगौड़ा ने एक दूसरे सप्लायर आकर्षण गुलाटी से यूपीआई के जरिये 36 हजार रुपये और शेष रकम नकद ली थी। सीबीआई ने एफआईआर में कॉर्डियोलॉजिस्ट अजय राय और भारती मेडिकल टेक्नोलॉजीज के भरत सिंह दलाल के बीच कई लेनदेन का भी जिक्र किया।

मेडिकल बनवाने के लिए फिक्स था क्लर्क संजय का रेटचार्ट

अस्पताल का क्लर्क संजय 100 रुपये में एक दिन की रेस्ट का मेडिकल सर्टिफिकेट चुटकी बजाते बनवा देता था। यही नहीं उसका रेट चार्ट फिक्स था। एक दिन के 100 रुपये तय थे। एजेंसी की एफआईआर में ऐसे चार मौके दिखाए गए हैं जब क्लर्क संजय ने 700 रुपये में सात दिन, 300 रुपये में तीन और 500 रुपये में पांच दिन का मेडिकल बनवा कर दिया है।
क्लर्क भुवाल की जेब गर्म करो मनचाहे दिन डॉक्टर का अपॉइंटमेंट पक्का
सीबीआई के मुताबिक क्लर्क भुवाल जायसवाल डॉक्टरों के अपॉइंटमेंट दिलाने के नाम पर भी रिश्वत वसूलता था। अस्पताल में मनचाहे दिन डॉक्टर का अपॉइंटमेंट पाने के लिए सिर्फ भुवाल की जेब गर्म करनी होती है। भुवाल रिश्वत लेने के बाद अपॉइंटमेंट के साथ साथ अन्य सुविधाएं भी देता है।

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